उद्देश्यः


  1. भावी शिक्षकों को एक अवसर प्रदान करना।
  2. एक उपयुक्त शिक्षक शिष्य संबंध स्थापित करना।
  3. एक शिक्षक के रूप में छात्र की क्षमता और शिक्षण प्रक्रियाके मूल्यांकन करने का अवसर प्रदान करना।
  4. भविष्य के शिक्षक को अनुशासन की समस्याओं को दूर करने के लिए स्कूल में व्यवहारिक अनुभव प्रदान करना।
  5. छात्र शिक्षकों को प्रभावी रूप से पाठों की योजना बनाने और तैयार करने में सक्षम बनाना।
  6. कौशल विकासित करने के लिए तकनीक का सहारा लेना।
  7. शिक्षण की गुणवत्ता में सुधार करना।
  8. सीखने के उद्देश्यों को स्पष्ट करना।
  9. शिक्षण के द्वारा छात्रों का व्यक्तित्व का सर्वागींण विकास करना।


शिक्षण अभ्यास के कार्य :

  1. शिक्षण की गुणवत्ता में सुधार करते हैं।
  2. सहकारी सीखने के माहौल को प्रोत्साहित करते हैं।
  3. शिक्षक छात्रों की क्षमता तथा कौशलों का मूल्यांकन करते हैं।
  4. सिद्धांतों को व्यवहारिक जीवन मे प्रयोग करते है।
  5. सीखने के उद्देश्यों को स्पष्ट करते हैं।
  6. शिक्षण के द्वारा छात्रों का व्यक्तित्व का सर्वागींण विकास करते हैं।
  7. व्यवसायिक क्षमता का विकास करते हैं।
  8. शिक्षण अभ्यास के माध्यम से विद्यालयों में अनुशासन की समस्याओं को दूर करने योग्य बनाते हैं।
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